कर्क राशि (Cancer)- (हि. हु, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)

 

जनवरी शनि को देय्या तथा ता. 20 तक मंगल का संचार इस राशि पर रहने से स्वस्थ परेशानी निकट बंधुओं सेविरोध , घरेलू कलह एवं भय बना रहेगा। ता. 14 के बाद सूर्य की दृष्टि भी रहने से आय के साधनों में अड़चन खर्च अधिक क्रोध व उत्तेजना अधिक रहे।

 

फरवरी शनि की देय्या तथा सूर्य की दृष्टि रहने से स्वी/पति को परेशानी तया शरीर कष्ट हो सकता है। मुकदमेवानी या शत्रु-पक्ष परेशान करें। ता. 13 के बाद अत्यधिक परिश्रम करने से गुजारे योग्य आमदन के साधन बनते रहेंगे।

 

मार्च परिश्रम व दौडधूप अधिक रहेगी। फिर भी निर्वाह योग्य धन की प्राप्ति होगी। कालोबार में कई उतार-चढ़ाव आर्थिक परेशानियाँ रहेंगी। स्थान परिवर्तन के भी योग हैं। मासान्त में आर्थिक क्षेत्र में उन्नति के योग हैं। किसी उच्चाधिकारी के साथ सम्पर्क बनेंगे।

 

अप्रैल मंगल का संचार इस राशि पर होने से कुछ कार्यों में लाभ के अवसर बढ़ेंगे। व्यवसाय के क्षेत्र उतार-चढ़ाव के पश्चात् धन लाभ और सन्तान के कार्यों में उलझने विलम्ब हो। गुप्त शत्रु हानि पहुँचाने की चेष्टाएँ करेंगे।

 

मई आय की स्थिति में कुछ सुधार होगा। विलासादि कार्यों पर धन का खर्च होगा। पर-परिवार की तरफ से चिन्ता होगी। मंगल के कारण स्वास्थ्य परेशानी और खर्चों में वृद्धि होगी। अपने भी परायों जैसा व्यवहार करेंगे। दैख्या का अशुभ प्रभाव हट चुका है।

 

जून अत्यन्त कठिनाई से निर्वाह योग्य धन प्राप्ति होगी। कारोबार में व्यस्तताएँ बढ़ेंगी।। खचों की अधिकता से मन परेशान रहेगा। गृहस्थ जीवन में तनाव की स्थिति रहे। उपाय- ‘श्रीदुर्गा सप्तशती’ में से सिद्ध कुंजिका स्तोत्र एवं चंडीस्तोत्र का पाठ करें।

 

जुलाई  गत परिस्थितियों में कुछ सुधार और किसी नवीन कार्य पर खर्च की योजना भी बनेगी। ता. 16 से सूर्य-बुध का संबार इस राशि पर होने से घरेलू एवं आर्थिक परेशानिया बनी रहेंगी। क्रोध एवं उत्तेजना से बचें। मानसिक तनाव व क्रोध की भावना अधिक होगी।

 

अगस्त भाई-बन्धुओं से मनमुटाव स्वास्थ्य में गड़बड़ी उत्पन्न हो, व्यर्थ के बाद – विवाद से दूर रहें। सुख साधनों पर शुक्र का संचार होने से मानसिक तनाव, उत्तेजना, क क्रोध अधिक तथा स्वास्थ्य परेशानी रहे।

 

सितम्बर ता. 14 तक शुक्र का संचार रहने से व्यवसाय नौकरी में स्थिति मध्यम रहेगी।आर्थिक क्षेत्र में असमंजस की स्थिति होने से मन अशान्त रहे, व्यवसाय में भी परिवर्तन की पोजना बने। ता. 15 से शुक्र द्वितीयस्थ होने से मनोरंजन आदि कार्यों पर था खर्च अधिक रहेंगे।

 

अक्तूबर पूर्वार्द्ध में निर्धार योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। स्वास्थ्य परेशानी, स निकट बन्धुओं से विरोध, घरेलू कलह एवं भय बना रहेगा। ता. 15 से गुरु इस राशि क पर (उध्यस्थ) होने से विद्या में सफलता तथा विवाहादि के संयोग भी बन सकते हैं। उपाय : ‘कार्तिक माहात्म्य’ का पाठ करें।

 

नवम्बर भाग्येश गुरु उच्चराशिगत संचार करने से उत्साह व पराक्रम में वृद्धि होगी। मान-सम्मान में वृद्धि एवं धर्म-कर्म में रुझान बढ़ेगा। परिवार में शुभ मंगल कार्य एवं भाग्यवश खुशी के अवसर मिलेंगे।

 

दिसम्बर ता. 5 से गुरु पुनः 12वें संचार करने से व्यवसाय में विभिन्न परेशानियों का सामना रहेगा। मंगल की नीच दृष्टि रहने से भूमि सम्बन्धी कार्यों में परेशानी तथा सांझेदारी के कार्यों में हानि होगी। उपाय- ‘श्रीदुर्गा-कवच’ का पाठ करना शुभ होगा।

 

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