मिथुन राशि (Gemini) (क, की, कु, घ, ङ, छ, के, को, ह) 

जनवरी ता. 4 में बुध धनु राशिस्थ रहने से संघर्षमयी परिस्थितियां रहेंगी। क्रोध अधिक रहे, यद्यपि परिवार में शुभ मंगल कार्य पर खर्च व्यवसाय व्‍यवसाय में उन्नति की योजना बनेगी। ता. 24 में बुध प्टस्थ होने से स्वास्थ्य में विकार का भय है। किसी निकत बंधु से मतान्तर हो।

 

फरवरी पूर्वार्ध्य में बुध अष्टमस्थ अस्तगत है। कार्य व्यवसाय में विघ्न बाधाओं का सामना रहे। आकस्मिक खर्च भी बढ़ेंगे जिससे मानसिक तनाव वह घरेलू उलझने बढ़ेंगी। स्वास्थ्य भी ठीक ना रहेश्रीविष्णु सहस्रनाम का पाठ करें। ता. 11 में परिस्थितियों में कुछ सुधार होगा ।

 

मार्च मासारम्भ से बुध नीच राशिगत होने से वृथा भागदौड़ और खर्च की अधिकता रहेगी । विदेश सम्बन्धी कार्यों में कुछ प्रगति परन्तु बिघ्न के पश्चात ही सफ़लता मिलेगी। ता. 15 से बुध वक्री रहने से मानसिक तनाव, पीरा और आर्थिक परेशानियां बढ़ेंगी । सूर्याराधना करना शुभ होगा।

 

अप्रैल बुध नीच राशिगत रहने से व्यवसाय में अनिश्चितता रहेगी । आय कम खर्च अधिक रहेगा। स्वास्थ्य-हानि, माता-पिता से अनबन, व्यर्थ की यात्रा एवं क्रोध की अधिकता से पारिवारिक उलझनों में बढ़ौतरी एवं दिमागी तनाव रहेगा। उपाय श्री सुन्दरकाण्ड का पाठ करना शुभ होगा।

 

मई मासारम्भ में वृथा मानसिक तनाव एवं गुप्त चिन्ता बनी रहेगी। ता. 7 से 22 मई तक बुध लाभ स्थान में होने से कार्य-व्यवसाय सम्बन्धी योजनाओं में समय व्यतीत होगा । सन्तान के कैरियर सम्बन्धी चिन्ता रहेगी। ता. 23 से बुध 12वें होने से दूरस्थ यात्राएं,स्थान परिवर्तन हो।

 

जून संघर्षपूर्ण परिस्थितियों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। मन अशान्त, असन्तुष्ट एवं परेशान रहेगा। ता. 6 से यूथ मिथुन में ही संचार करने से कुछ सोचि योजनाओं में प्रगति, रुके हुए कार्यों में सिद्धि मिलेगी.ता. 22 से बुध कर्क में होने से आर्थिक क्षेत्रों में बिभिन्ना परेशानियों का सामना करना पड़ेगा।

 

जुलाई गुरु इस राशि पर होने में मनोरंजन एवं बिलासादि कायों पर धन का खर्च होगा। परिवार में खुशी के अवसर मिलेंगे, परन्तु बनते कामों में बिघ्न बाधायें ,स्वास्थ्य कुछ ढीला एवं गुप्त चिन्ता रहेगी। ता. 18 में बुध वक्री होने से क्रय-विक्रय के कार्यों में परेशानी के योग हैं।

 

अगस्त बुध द्वितीय  भाव में ता. 9 तक अस्तगत रहेगा। लेन-देन के कार्यों में परेशानी एवं खर्च भी बढ़-चढ़ कर होंगे। उत्तरार्द्ध में कुछ चिगड़े काम बनेंगे। धार्मिक कार्यों में रुचि रहेगी। परन्तु स्वास्थ्य ढीला एवं गुप्त चिन्ताएँ रहेंगी।

 

सितम्बर माभारम्भ में बुध तृतीयस्थ रहने से मान सन्मान एबंग प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी. परंतु बुध अस्त रहने से कार्यक्षेत्र व व्यवसाय में संघर्ष अधिक होगा। ता. 15 में बुध स्वराशिगत (कन्या) होने से परिस्थितियों में धीरे-धीरे सुधार होगा। उपाय-ता. 8 से प्रारम्भ पितृपक्ष में तिथ्यानुसार पितृ तर्पण दानादि अवश्य करें।

 

अक्तूबर ता. 2 से बुध पंचम भाव में मंगल के साथ संचार करने में मिश्रित प्रभाव रहेंगे। धर्म-कर्म में रूचि एवं आप के साधन बनते रहेंगे। सन्तान या उनके कैरियर सम्बन्धी चिन्ता रहे। उपाथ ता. 8 से प्रतिदिन कार्तिक मास माहात्म्य एवं तुलसी स्तोत्र का पाठ करना शुभ रहेगा।

 

नवम्बर माभारम्भ में बुध षष्ठस्थ होने से व्यवसायिक क्षेत्रों में दौड़ धूप अधिक एबंम स्वास्थ कुछ ढीला रहेगा.जमीं-जायदाद समन्धि समस्याएँ उत्पन्न होगी. ता. 9 से बुध वक्री रहने से कुछ भागदौड़ रहेगी

 

दिसम्बर आय कम खर्च अधिक रहेगा। परिश्रम व दौडधूप अधिक रहेगी । व्यवसाय में परेशानिया व उत्तर चराव के वाबजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे । मानसिक चिन्ता एबंम पति पत्नी में मनमुटाव भी रहेगा 

 

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