मेष राशि (Aries) (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)

 

जनवरी-  इस राशि पर राहू का संचार तथा तारीख 17 से शनि की नीच दृष्टि रहने से बनते कार्यों में अड़चनें घरेलू उलझने तथा स्वास्थ्य कष्ट रहे। धन का अय एवं गुप्ताएं भी रहेंगी। परन्तु मंगल द्वितीयस्थ होने से भाग्यवश गुजारेलायक आय होती|

फरवरी-  स्वास्थ्य कष्ट, मानसिक तनाव, धन का अपव्यय अथक हानि होने की आशंका है। निकट बन्धुओं से मन-मुटाव होने का भय है। गृह कलह के कारण उलझनें बढ़ेगी। नजदीकी मित्रों द्वारा परायों जैसा व्यवहार होने के कारण मन होगा।

मार्च- राहु लग्नस्थ तथा शनि की दृष्टि के कारण स्वभाव में उत्तेजना, अधिक क्रोध स और व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। व्यवसाय या नौकरी में उलझनों का सामना रहेगा। संघर्ष उ करने पर भी विशेष धन लाभ नहीं हो पाएगा। तारीख. 13 से मंगल तृतीयस्थ होने से बिगड़े कामों में कुछ सुधार होगा।

अप्रैल- मंगल तृतीयस्थ होने से भूमि जायदाद एवं बहन पर खर्च अधिक होग तारीख 14 से सूर्य इस राशि पर उच्चस्थ होकर संचार करने से कार्य-व्यवसाय में व्यस्तताएँ। बढ़ेंगी। प्रयास करने पर धन प्राप्ति के साधन बनेंगे।

मई – इस राशि सूर्य गुरु-राहु योग तारीख 14 तक रहने से पराक्रम और पुरुषार्थ में वृद्धि होगी। नए-नए मित्रों एवं श्रेष्ठ लोगों के साथ सम्पर्क बनेंगे। तारीख 10 से मंगल नीच (कर्क) राशि में रहने से घरेलु सुखों में कमी व अशान्ति व्याप्त रहेगी।

जून –  नीचराशिगत मंगल का शनि के साथ दृष्टि सम्बन्ध होने से मानसिक तनाव शरीर कष्ट, उदर-विकार से परेशानी होगी। उलझनें व समस्याएं उभरती व सिमटती रहेंगी। समय अनुकूल नहीं है। किसी से व्यर्थ का वाद-विवाद न करें।

जुलाई-  मासारम्भ से ही मंगल सिंह राशि (पाँचवें) में संचार करेगा। ‘मंगल-शनि का समसप्तक योग रहने से दौड़-धूप अधिक रहेगी। आय के साधनों में विघ्न-बाधाएँ, खर्च भी बढ़-चढ़ कर अधिक होंगे। निकटस्थ भाई-बन्धुओं के साथ मन-मुटाव एवं वैमनस्य पैदा होने का भय है।

अगस्त- कार्य-व्यवसाय की स्थिति अभी अनिश्चित रहेगी। अत्यधिक परिश्रम एवं भागदौड़ करने पर भी विशेष धन लाभ नहीं हो पाएगा। तारीख 18 से मंगल षष्ठस्थ रहने के बावजूद उत्साह एवं सौभाग्य में वृद्धि होगी।

सितम्बर – लग्न में गुरु-राहु की स्थिति तथा मंगल की दृष्टि रहने से मान-सम्मान एवं एं प्रतिष्ठा में वृद्धि, उच्च-प्रतिष्ठत लोगों के साथ सम्पर्क बनेंगे। दाम्पत्य-जीवन में उत्साह, सहयोग तथा सुख-साधनों की अधिकता रहे। समय वाद-विवाद में नष्ट न करे अन्यथा की हानि का भय |

अक्तूबर – मंगल की स्वगृही दृष्टि होने से हालात में कुछ सुधार होगा। बिगड़े काम बनेंगे तथा धन प्राप्ति के कुछ साधन बनेंगे। पारिवारिक वातावरण मनोऽनुकूल सुख प्रदान करेगा। दूरस्थ स्थल की यात्रा भी होगी।

नवम्बर – तारीख 15 तक पुरुषार्थ एवं परिश्रम से विशेष कार्य में सफलता के आसार बढ़ेंगे। घरेलू काम निपटाने की व्यग्रता एवं परेशानी रहेगी। तारीख 16 से मंगल अष्टमस्थ होने से स्वास्थ्य कष्ट, घरेलु उलझनें तथा बनते कामों में अड़चनें रहेंगी। मंगल स्वराशिगत होने से कठिन परिस्थितियों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे।

दिसम्बर – गुरु इसी राशि में होने से कुछ रुके हुए महत्त्वपूर्ण कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। धर्म-कर्म की ओर रूचि बढेगी। विशेष अवसरों और उत्सवों में जाने से मान-सम्म में वृद्धि होगी, परन्तु किसी विशेष व्यक्ति के कारण मानसिक तनाव होगा।

X