तुला राशि (Libra) – रा, री, रू, रे, रो, ता, ति, तु, ते

 

जनवरी- विघ्न-बाधाओं के बावजूद निर्वाह योग्य धन प्राप्ति होती रहेगी। परन्तु मानसिक तनाव एवं कुछ उलझनपूर्ण परिस्थितियां उत्पन्न होंगी। आर्थिक उलझनों के कारण मन चिन्तित रहेगा। अप्रत्याशित सूचनाएं प्राप्त होंगी।

फरवरी-पूर्वार्द्ध में अत्यधिक भागदौड़ करने पर भी विशेष धन लाभ नहीं हो पाएगा। बनते कार्यों में अड़चनें पैदा होंगी। उत्तरार्द्ध में कार्य व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी। अकस्मात् किसी कार्य के बनने से खुशी प्राप्त होगी।

मार्च – तारीख 11 तक षष्ठस्थ ‘गुरु-शुक्र’ योग रहने से आशाओं में आंशिक सफलता के बावजूद मन परेशान और अशान्त होगा। तारीख 12 से शुक्र की स्वगृही दृष्टि रहने से सुख- | सुविधा के साधन बढ़ेंगे। परन्तु व्यर्थ की भागदौड़ भी अधिक होगी।

अप्रैल- तारीख 6 से शुक्र अष्टमस्थ होने से शरीर कष्ट, मानसिक तनाव व स्वास्थ्य हानि के योग हैं। लाभ कम व खर्च अधिक होगा। परिवार में भाई-बन्धु से तनाव और अत्यधिक क्रोध से हानि होगी। विभिन्न उलझनों का सामना होगा।

मई – सूर्य गुरु की शत्रु दृष्टि रहने से स्वास्थ्य कष्ट तथा पारिवारिक चिन्ता रहेगी। प्रयास करने पर रुके हुए कार्य में प्रगति होगी। सर्विस अथवा व्यवसाय सम्बन्धी अनेक कठिनाईयों का सामना रहेगा। विशेष स्नेही व्यक्ति से मुलाकात होगी।

जून- व्यर्थ की भागदौड़ के कारण शरीर अस्वस्थ रहेगा। जमीन-जायदाद के निर्माण सम्बन्धी समस्याएं कष्ट देंगी। आय से व्यय अधिक रहेगा। सरकारी विभाग में काम | निकालने के लिए कठिनाई होगी। स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी और वृथा यात्रा होगी।

जुलाई – इस मास प्रयत्न करने पर व्यापार/नौकरी में उन्नति होगी। उत्साह से कार्य करने से समय साथ देगा। लाभ के अवसर प्राप्त होंगे। काम-काज करने से ढंग में परिवर्तन करने पर लाभ होगा। जटिल समस्याओं के हल होने से राहत एवं मानसिक तनाव कम होगा।

अगस्त-वक्री शुक्र के कारण आर्थिक उलझनें रहने से मन परेशान रहे। सोची योजनाओं में विघ्न-बाधाओं का सामना रहे। यात्रा में चोटादि का भय रहेगा। कठिन परिस्थितियों के बावजूद धन प्राप्ति के कुछ साधन बनते रहेंगे।

सितम्बर – विभिन्न प्रयास, भरपूर परिश्रम और हित चिन्तकों का सहयोग लेकर ही वांछित सफलता सम्भव होगी। प्राप्त साधनों का उपयोग संयमपूर्वक करें। स्वास्थ्य हानि एवं लेन-देन करते समय विवाद होने के संकेत हैं।

अक्तूबर- कुटुम्ब में किसी सुखद प्रसंग की सम्भावना है। नौकरी या व्यवसाय में। प्रतिष्ठित व्यक्तियों के सम्पर्क-साधनों से उन्नति के अवसर मिलेंगे। व्यवसायिक व्यस्तताएं बढ़ेंगी। धार्मिक कार्यों में रूचि बनेगी। ‘महालक्ष्म्यष्टकम् स्तोत्र’ का पाठ करना शुभ होगा।

नवम्बर – तारीख 3 से शुक्र नीचराशिगत रहने से आय में कमी तथा आकस्मिक खर्च उदर में विकार अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाएंगे। व्यवसाय में विघ्न तथा घरेलु उलझनों के कारण मन आवश्यक खर्च चिन्तित रहे। स्वास्थ्य भी ठीक न रहे। किसी निकट बन्धु से मनमुटाव पैदा हो।

दिसम्बर – शुक्र स्वराशिगत रहने से परिस्थितियों में सुधार होगा। विदेश सम्बन्धी सभी बरतें, आकि कार्यों में सफलता प्राप्त होगी। व्यापारियों के लिए समय अच्छा है। धन लाभ व उन्नति के से यद्यपि अवसर प्राप्त होंगे। पारिवारिक सुख में वृद्धि होगी।

X