वृश्चिक राशि (Scorpio)-(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.)

 

 

जनवरी – मासारम्भ से मंगल-गुरु की शुभ दृष्टि रहने से परिश्रम एवं उत्साह में वृद्धि के कारण कार्य-व्यवसाय में लाभ प्राप्ति होती रहेगी। परन्तु तारीख 17 से शनि की ढैय्या रहने से मन परेशान रहेगा। व्यवसाय/नौकरी में परिवर्तन का विचार बने।

फरवरी- शनि की दृष्टि रहने से यद्यपि खर्च एवं क्रोम अधिक रहेगा। किन्तु मंगल- गुरु की दृष्टि होने से निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। धार्मिक कार्यों में रुचि र बढ़ेगी। अचानक अप्रत्याशित लाभ और शुभ समाचारों का आदान-प्रदान होगा।

मार्च – किसी नए कार्य की योजना बनेगी। परन्तु तारीख 12 से मंगल अष्टमस्थ होने से सफलता तथा बनते कार्यों में अड़चनें रहेंगी। व्यर्थ की भागदौड़ और फिजूलखर्ची बढ़ेगी ,धन-हानि तथा स्वास्थ्य नर्म रहेगा।

अप्रैल-आय कम और खर्च अधिक रहेगा। किसी निकटस्थ मित्र से मतभेद उत्पन्न होंगे। पुरुषार्थ और परिश्रम करने पर गुसारेलायक धन की प्राप्ति होगी। अकस्मात् विशिष्टजनों से सम्पर्क बढ़ेगा। वाहनादि पर खर्च होगा।

मई : व्यर्थ की चिन्ताओं से मानसिक तनाव रहेगा। सांझेदारी के कार्यों में हानि होगी। तारीख 30 से मंगल नीच राशिस्थ रहने से गुप्त शत्रुओं से भी सावधान रहे। यात्रादि का प्रोग्राम टाल दें, अन्यथा परेशानी एवं व्यर्थ के व्यय अधिक होंगे।

जून-मानसिक तनाव एवं घरेलु उलझनें बढ़ेंगी। अत्यधिक संघर्ष के बाद धन लाभ अल्प रहेगा। खच की अधिकता होगी। उच्च-वर्ग से सम्पर्क होगा, परन्तु लेन-देन में धोखा मिलने के योग हैं। स्वास्थ्य सम्बन्धी परेशानी और सन्तान चिन्ता रहेगी।

जुलाई-मासारम्भ से ही मंगल की दृष्टि रहने से सोचे हुए कार्यों में कुछ सफलता तथा बाधाओं के बावजूद धन प्राप्ति के अवसर प्राप्त होंगे। व्यवसायिक क्षेत्र में कार्य- ली में कुछ परिवर्तनों का विचार बने।

अगस्त- आय में वृद्धि के साथ-साथ खर्च अधिक होगा। परिश्रम और उत्साह से कार्य पर सफलता मिलेगी। मान-प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, परन्तु पारिवारिक परेशानी होगी। कष्ट, धन हानि, रोग-भय आदि परेशानियां होंगी।

सितम्बर- कार्यक्षेत्र में व्यस्तताएं बनी रहेंगी। कोई रुका हुआ कार्य बनने के योग हैं। में खुशी के अवसर भी प्राप्त होंगे। विलासादि कार्यों पर खर्च अधिक होंगे। अधिकता होने से परेशानी होगी।

अक्तूबर- मंगल-केतु योग होने से अधिकांश समय व्यर्थ के कामों में व्यतीत होगा। उदर में विकार एवं आँखों में कष्ट का भय है। तारीख 17 से 12वें सूर्य होने से परिवार में आवश्यक खर्चों में वृद्धि होगी। क्रोध व उत्तेजना रहेगी।

नवम्बर – पूर्वार्द्ध में स्वास्थ्य विकार, दुर्घटना से चोटादि लगने का भय है, सावधानी बरतें, आकस्मिक खर्चों में भी वृद्धि होगी। उत्तरार्द्ध में तारीख 16 से मंगल इसी राशि पर होने से यद्यपि परिश्रम और पुरुषार्थं बढ़ेगा। परन्तु शनि की दृष्टि रहने से पारिवारिक व व्यवसायिक उलझनें भी होंगी।

दिसम्बर- अत्यन्त कठिन परिस्थितियों में धन लाभ मध्यम होगा। मन उचाट रहेगा। आराम कम और दौड़-धूप अधिक रहेगी। वाद-विवाद से बचें। सोची हुई योजनाओं में आंशिक सफलता मिलेगी।

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