वृश्चिक राशि (Scorpio)-(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू.)

 

 

जनवरी – मास की शुरुआत में सूर्य धन भाव में होने से आर्थिक मामलों में कुछ राहत मिलेगी, परन्तु पारिवारिक तनाव संभव है। शनि की पंचम दृष्टि संतान पक्ष से चिंता दे सकती है। मकर संक्रांति पर लाल वस्त्र और गुड़ का दान शुभ रहेगा।

 

फ़रवरी – मास के प्रारंभ में कुछ मानसिक असंतुलन बना रह सकता है। खर्चों में वृद्धि और योजनाओं में विलंब के योग हैं। उत्तरार्ध में ता. 12 के बाद सूर्य तृतीय भाव में प्रवेश करेगा, जिससे पराक्रम और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी।

 

मार्च – यह समय सामाजिक मान-सम्मान में वृद्धि तथा नौकरी-पेशा वालों के लिए प्रमोशन के योग बनाता है। भाइयों का सहयोग मिलेगा। भाग्य का पूरा साथ मिलेगा। परन्तु शनि की दृष्टि के कारण मानसिक थकावट रहेगी। संयम रखें।

 

अप्रैल – चतुर्थ भाव में सूर्य और राहु का संयोग गृहस्थ सुख में कमी ला सकता है। माता के स्वास्थ्य की चिंता बनी रह सकती है। ता. 13 के बाद सूर्य पंचम में आने से शिक्षा, संतान और प्रेम संबंधों में सुधार होगा। उपाय: रोज सुबह “गायत्री मंत्र” का जाप करें।

 

मई – प्रेम जीवन में मधुरता आएगी। विद्यार्थियों के लिए समय उत्तम रहेगा। धन लाभ के योग बनेंगे। परन्तु शनि और केतु के संयोग से गुप्त शत्रुओं से सावधानी आवश्यक है। स्वास्थ्य सामान्य रहेगा।

 

जून – अष्टम भाव में ग्रहों का प्रभाव कुछ तनावपूर्ण स्थितियाँ ला सकता है। वाहन सावधानी से चलाएं। किसी प्रकार की चोट या दुर्घटना से बचें। करियर में उतार-चढ़ाव संभव है। उपाय: हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाएं और “हनुमान चालीसा” का पाठ करें।

 

जुलाई – समय धीमा चल सकता है। कार्यक्षेत्र में मन नहीं लगेगा। ता. 16 के बाद सूर्य नवम भाव में आने से भाग्य का सहयोग मिलने लगेगा। विदेश यात्रा या उच्च शिक्षा की योजना बन सकती है। पिता से सहयोग मिलेगा।

 

अगस्त – यह समय व्यापार व नौकरी में लाभ देने वाला रहेगा। विशेषकर ता. 16 के बाद सूर्य दशम भाव में आने से पद-प्रतिष्ठा बढ़ेगी। रुके हुए कार्यों में प्रगति होगी। उच्च अधिकारियों से सराहना मिलेगी।

 

सितम्बर – लाभ भाव में ग्रहों का संयोग आर्थिक दृष्टि से मजबूत करेगा। नई योजनाओं पर काम शुरू हो सकता है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। जीवनसाथी का सहयोग मिलेगा। पुराने मित्रों से मुलाकात संभव है।

 

अक्टूबर – बारहवें भाव में सूर्य का संचार व्यर्थ की यात्राओं और खर्चों की ओर संकेत करता है। विदेश संबंधी कार्यों के लिए समय अनुकूल हो सकता है। नींद की कमी और मानसिक चिंता बनी रह सकती है। उपाय: रोज “शिव चालीसा” का पाठ करें।

 

नवम्बर – यह माह आत्मविश्लेषण और अंतर्मन की यात्रा का समय है। शांति और ध्यान से मानसिक राहत मिलेगी। परंतु स्वास्थ्य को लेकर सतर्क रहें। घरेलू वातावरण में तनाव संभव है। खर्च बढ़े रहेंगे।

 

दिसम्बर – वर्ष के अंत में सूर्य द्वितीय भाव में आने से आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। परिवार के साथ समय अच्छा बीतेगा। पारिवारिक संपत्ति या धन संबंधी मामलों में निर्णय लाभकारी होंगे। आत्मबल में वृद्धि होगी।

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