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वृष राशि (Taurus) ( ई, उ, ए, ओ, वा, वि, वू, वे, वो)

 

जनवरी – इस राशि पर मंगल का संचार रहने तथा शुक्र भाग्य स्थान में होने से स्वभाव में तेजी, व्यर्थ की भागदौड़ रहेगी। कठिनाईयों के बावजूद निर्वाह योग्य धन प्राप्ति होती रहेगी। घर-परिवार में सुखद माहौल होते हुए भी गुप्त चिन्ता रहेगी। पारिवारिक और व्यवसायिक योजनाओं की ओर मनोवृत्ति बढ़ेगी।

फरवरी – पूर्वार्द्ध में दशम भाव में ‘शुक्र शनि’ योग होने से वृथा यात्रा, शत्रु-भय, मानसिक तनाव, अवाँछित स्थान परिवर्तन से परिवार में कलह-क्लेश रहेगा। तारीख 15 से शुक्र उच्चस्थ होने से मन में उत्साह और प्रसन्नता जागृत होगी। धन लाभ व उन्नति के योग हैं।

मार्च-मासारम्भ में धन लाभ तथा व्यवसायिक व्यस्तताएँ बढ़ेंगी। तारीख 12 से शुक्र द्वादशस्थ होने से खर्च अधिक, परंतु उलझने व तनाव भी बढ़ेगा। घरेलू समस्याओं के कारण मन परेशान रहे।

अप्रैल– तारीख 6 से शुक्र स्वराशिगत (वृष) होने से कोई शुभ समाचार मिलेगा। पारिवारिक मान प्रतिि सहयोग से कोई उलझा हुआ कार्य पूर्ण होने के योग हैं। भाग्य से धन प्राप्ति और मान- प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी। किसी पर अन्ध-विश्वास न करें, धोखा होने की सम्भावना है।

मई : इस मास शुक्र मिथुन राशि में, ‘गुरु-राहु द्वादशस्थ रहने से क्रोधाधिक्य, व्यर्थ के होग खर्च, बनते कार्यों में विघ्न, आँखों में कष्ट व मानसिक तनाव होगा। व्यवसाय एवं नौकरी में लाभ व उन्नति के अवसर प्राप्त होंगे, परन्तु विलासता के कारण अभीष्ट लाभ नहीं होगा।

जून : शुक्र चतुर्थस्थ (कर्क) रहने से अत्यन्त कठिनाई से निर्वाह योग्य धन की प्राप्ति से होगी। व्यवसाय में विघ्न तथा घरेलु उलझनों के कारण मन चिन्तित रहे। शरीर कष्ट रहे। के पारिवारिक शान्ति का वातावरण बनाए रखने के लिए श्रीसुन्दरकाण्ड का पाठ करना शुभ होगा

जुलाई– तारीख 6 तक शुक्र तृतीयस्थ रहने से परिस्थितियों में विशेष परिवर्तन होंगे। भाई-बन्धुओं से मतभेद, स्वभाव में तेजी रहेगी। तारीख 7 से शुक्र चतुर्थस्थ होने से विशेष परिश्रम एवं भागदौड़ के बाद निर्वाह योग्य आय के साधन बनेंगे।

अगस्त– मासारम्भ से ही शुक्र बक्री रहने से कार्य व्यवसाय में रुकावटें, आय के साधनों में विघ्न रहेंगे तारीख 2 से शुक्र पुनः तृतीयस्थ संचार करने से पारिवारिक सदस्यों के |साथ मतान्तर एवं मतभेद उत्पन्न हो। तारीख 17 तक ‘पुरुषोत्तम माहात्म्य’ का पाठ करें।

सितम्बर– तारीख 4 से शुक्र मार्गी अवस्था में तृतीयस्थ संचार करने से घरेलु एवं कारोबारी परिस्थितियों में धीरे-धीरे सुधार होगा। व्यर्थ की भागदौड़ अधिक रहे, परन्तु अत्यन्त संघर्ष के बावजूद निर्वाह योग्य धन प्राप्ति के साधन बन पाएंगे।

अक्तूबर -1 अक्तू. से शुक्र पुनः चतुर्थ स्थान में संचार करने से गत समय में किए गए प्रयासों का प्रतिफल कुछ दिनों के बाद प्राप्त होगा। माता-पिता या किसी निकटस्थ से धन व उपहारादि की प्राप्ति के योग हैं आशा के विपरीत खर्च बहुत होंगे।

नवम्बर– तारीख 3 से शुक्र नीच राशि (कन्या) में होने से पारिवारिक अशान्ति बढ़ेगी। भाई-बन्धुओं से वृथा तकरार, धन का अपव्यय, शरीर कष्ट रहेगा। वाहनादि से चोटादि का न भय रहे।

दिसम्बर– तारीख 24 तक शुक्र पष्ठस्थ स्वराशि में होने से परिस्थितियों में कुछ सुधार होने के योग हैं। धीरे-धीरे आर्थिक क्षेत्र में कुछ परिवर्तन एवं लाभ के योग बनेंगे। किसी नवीन कार्य की योजना बनेगी। परन्तु कार्यरूप देने में विघ्न उत्पन्न होंगे।

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