वृष राशि (Taurus) (, , , , वा, वि, वू, वे, वो)

 

जनवरी राशिस्वामी शुक्र दशमस्य शनि युक्त तथा मंगलद्वारा दूष्ट है। बनते कामों में अड़चनें एवं व्यवसायिक परेशानियों का सामना रहेगा। आय के साधन बनते रहेंगे। परन्तु मानसिक तनाव, गुप्त चिन्ता एवं वृधा भागदौड़ रहेगी। किलासादिकायों पर धन का खर्च अधिक होगा। परन्तु मासान्त में वाहनादि सुख-सुविधाओं में वृद्धि होगी।

 

फरवरी मासारम्भ से राशिस्वामी शुक्र उच्वराशिगत होने से रुके हुए कार्यों में सफलता,लाभ एवं उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रिय बन्धुओं से मेल-मिलाप एवं सुख-साधनोंपर धन का खर्च होगा। श्रीदुर्गा-पाठ करना शुभ होगा।

 

मार्च  राशिस्वामी शुक्र ता. 2 से वक्री होकर एकादश (उच्च) भावमें है। विशेष परिश्रम एवं भागदौर के बाद निर्वाहयोग्य के साधन व्यवसाय के क्षेत्र में लाभ कम तथा खर्च विशेष अधिक रहेंगे। शिव महिम्न स्तोत्र का पाठ करें।

 

अप्रैल शनि को तृतीय दृष्टि रहने से लाभ में कमी, संघर्ष अधिक रहेगा। परन्तु शुक उच्चस्थ रहने से अकस्मात् धन लाभ के बाँस बनेंगे। उच्च प्रतिधित लोगों के साथ सम्यक भरेंगे, कुछ बिगड़े कार्य बनेंगे। वाहन, मनोरंजनादि सुख-सुविधाओं पर खर्च अधिक होंगे।

 

मई धन लाभ एवं गत किए गए प्रयासों में सफलता मिलेगी। भूमि, वाहनादि सुखों की प्राप्ति होगी। किसी प्रियबन्धु से मुलाकात होगी। गृह में कोई शुभ कार्य भी धम्मन्न होगा। किसी नए कार्य की योजना बनेंगी।

 

जून मासारम्भ से ही शुक्र व्यय भाव में हीने से स्वास्थ्य सम्बन्धी कष्ट तथा अनावश्यक खर्च अधिक रहेंगे। कार्य-व्यवसाय में व्यस्तताएं बढ़ेंगी। स्वास्थ्य डीला, गुप्त रोग व सनान सम्बन्धी चिन्नता रहे। ता. 29 से शुरू स्वराशिगत होने से हालात में परिवर्तन होंगे।

 

जुलाई मासारम्भ में ही शुक्र स्वराशिगत होने से रुके हुए कार्यों में कुछ सफलता मिलेगी, धन लाभ व उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। शुक्र पर शनि की दृष्टि रहेगी। दुर्घटना से चोदने की आशंका है, सावधानी बरतें। ता. 26 के बाद स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें।

 

अगस्त व्यर्थ की भागदौड़ और फिजूलखचों अधिक होगी। गत किए प्रयासों में सफलता मिलेगी। किसी से माहक तनाव बनेगा। ता. 20 से शुक्र तृतीयस्थ होने से आय कम और खर्च अधिक होगा। व्यवसायिक क्षेत्रों में अनेक उतार-चढ़ाव रहें और कार्यशैली में परिवर्तन से लाभ के अवसर बढ़ेंगे।

 

सितम्बर शुक तृतीय भाव में होने से वृथा दौड़-धूप एवं निकट बन्धुओं से तनाव अधिक रहेगा। परिचार में मतभेद एवं मन में अशान्ति रहेगी। अकस्मात् दूरस्थ यात्रा होने से विशेष परिवर्तन होंगे।

 

अक्तूबर मासारम्भ में कुछ भागदौड़ रहे। ता. 9 से शुक्र पंचमस्य नीचराशिगत होने से मानसिक तनाव एवं विद्या में विप्न बाधाओं का सामना रहेगा। कुछ आर्थिक परेशानियां भी बनी रहेंगी। निकट बन्धुओं से तकरार होगी। गत किए प्रयासों का प्रतिफल कुछ दिनों के बाद प्राप्त होगा।

 

नवम्बर ता. 2 से शुक्र षष्ठस्थ स्वराशिगत होने से परिस्थितियों में कुछ सुधार होने के योग हैं। धीरे-धीरे आर्थिक क्षेत्र में कुछ परिवर्तन एवं लाभ के योग बनेंगे। मंगल एवं शनि की दृष्टियां इस राशि पर होने से योजनाओं की कार्यरूप देने में विश्न उत्पन्न होंगे। क्रोधाक्यि रहे।

 

दिसम्बर मासारम्भ में शुक्र की स्वगृही दृष्टिरहने से संघर्ष एवं कठिनाईयों के बावजूद निर्वाह योग्य आय के साधन बनते रहेंगे। ता. 20 से शुक्र अष्टमस्थ रहने से परिवार में कुछ विवाहास्पद मामले मतभेद व तनाव का कारण बनेंगे। गुप्त चिन्ता एवं अज्ञात भय बना रहेगा। स्वास्थ्य का विशेष ध्यान रखें। उपाय घर में श्रीदुर्गा सप्तशती के 3 पाठ करवाकर हवन करवाएँ।

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